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Monday, November 18, 2024
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Hindi

Hindi Writer, Poet & Poetess information

रुठी रुठीसी ज़िंदगी…

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- सविता टिळक / कविता / एका अनपेक्षित संकटाने सर्व जगात हाहा:कार माजला. रोजच्या जगण्यामध्ये उलथापालथ झाली. सर्व जग भयावह वाटणाऱ्या शांततेने ग्रस्त झालं एरवी...
Family

ज़िंदगी की कश्मकश

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~ हिंदी कविता / तृप्ति गुप्ता ज़िंदगी की इस दौड़ मेंभागा चला जा रहा हूँ,आगे क्या है पकड़ने की होड़ मेंकुछ छोड़े चला जा रहा...

फिर किसी रोज़

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- मानसी बोडस / ग़ज़ल / फिर किसी रोज़ मुलाक़ात ज़रूरी होगी ।कल की वह बात हमें मंज़ूर नहीं होगी ॥ वह दिन भी आएंगे...

हिन्दी खड़ी बोली और भारतेन्दु युग के उन्नायक प्रतापनारायण मिश्र

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भारतेन्दु मण्डल के प्रमुख लेखक, कवि और पत्रकार 'प्रतापनारायण मिश्र'जी.वे हिन्दी गद्य साहित्य के सुप्रसिद्ध साहित्यकार थे। खड़ी बोली के रूप में प्रचलित जनभाषा...

हमें भी अपना लो

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- तेजस वेदक / कविता Gender, pride, sexuality, equality यह तो है बस नामहक़ीक़त में जीना ना कोई साधारण काम। किसी ने ठुकराया है, तो किसी...

क्यूं…

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- अमृता लोंढे / कविता / क्यों सपनों के पीछे दौड़ते दौड़ते थक जाता है तू...रोशनी की गलियों से होकर आख़िर अंधेरों से ही मिल...
New Life

नए ख़्वाब

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२०२० का साल मानो कई ज़िन्दगियों में काली परछाई बनकर आया और ऐसे फैल गया, लगा जैसे की उसका असर खत्म न होगा कभी…...

चलो मन गंगा जमुना तीर

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चलो मन गंगा जमुना तीर,गंगा यमुना निर्मल पानीशीतल होत शरीर।।धृ।। बंसी बजावत गावत कान्हासंग लिए बलवीर,गंगा जमुना निर्मल पानी शीतल होत शरीर ।।१।। मोर मुकट पीताम्भर...
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