हिंदी भाषा के प्रसिद्ध निबंधकार बाबू गुलाबराय
हिंदी भाषा के प्रसिद्ध निबंधकार बाबू गुलाबराय। वे हमेशा सरल साहित्य को प्रमुखता देते थे, जिससे हिन्दी भाषा जन-जन तक पहुँच सके। गुलाबराय जी...
निहायत ही ज़रुरी है प्रेम…
- राजीव रोहित / कविता /
नदी है प्रेम लहरों कालहरों में समेटेअपठित इतिहासदर्द में डूबे हुएकई प्रेम पात्रों केकच्चे पक्के किस्सेसुनाते हुए कईखूबसूरत किताबों...
हिंदी भाषा में मुक्तछंद के प्रवर्तक सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
हिंदी भाषा के कवि, उपन्यासकार, निबन्धकार और कहानीकार स्व. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'। हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक...
परिस्थितीबद्ध त्यौहार
- तृप्ति गुप्ता / कविता /
रक्षाबन्धन की तैयारी में हैं सब व्यस्त,पहले से ही तैयारियाँ चल रहीं हैं ज़बरदस्त।
हर बार तो बहनें साथ लाती...
उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवि हरिवंशराय बच्चन
हिंदी साहित्य के सर्वश्रेष्ठ कवी और लेखक स्व. हरिवंशराय बच्चन। बच्चन जी की कविता की लोकप्रियता का प्रधान कारण उसकी सहजता और संवेदनशील सरलता...
रिश्तें… प्यार के
- सविता टिळक / कविता /
गर लोग ना करें आपको ज़िंदगी मेंं शामिल।ऐसे रिश्तों कें भंवर में फंसके क्या हो हासिल।
मन की चाह पर...
स्त्री
- रोहन पिंपळे / कविता /
जीवन के इस खेल में, हर व्यक्ति यहां बुलंद है…फिर भी न जाने मर्दों को, किस बात का घमंड...
बहुआयामी प्रतिभा सम्पन्न लेखक गिरिराज किशोर
हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध उपन्यासकार, कथाकार, नाटककार और आलोचक श्री. गिरीराज किशोर। उनके सम-सामयिक विषयों पर विचारोत्तेजक निबंध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे थे।...
हिन्दी को सम्माननीय स्तर तक ले जाने और उसे राजभाषा बनानेवाले अमरनाथ झा
हिंदी भाषा के प्रसिद्ध विद्वान, साहित्यकार और शिक्षा शास्त्री स्व. अमरनाथ झा। वे हिन्दी के प्रबल समर्थकों में से एक थे। हिन्दी को सम्माननीय...
बस एक बार…
- रोहन पिंपळे / कविता /
हर पल हसता रहता हूं,एक बार खुलकर रोना चाहता हूं…नींद ठीक से आती नहीं,बस एक बार चैन से सोना...