तेलुगू भाषा के विख्यात कवि सिंगिरेड्डी नारायण रेड्डी

0
1831

तेलुगू भाषा के विख्यात कवि स्व. सिंगिरेड्डी नारायण रेड्डी। वे अपनी पीढ़ी के सर्वाधिक जाने-माने कवियों में से एक थे। वे पांच दशकों से भी अधिक समय तक काव्य रचना में लगे रहे। अब तक उनकी ४० से भी अधिक कृतियां प्रकाशित हो चुकी हैं, जिसमें कविता, गीत, संगीत, नाटक, नृत्य-नाट्य, निबंध, यात्रा संस्मरण, साहित्यालोचन तथा ग़ज़लें (मौलिक तथा अनूदित) सम्मिलित हैं।
किशोरावस्था में उन पर लोकगीतों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित हरि-कथा, विथि-भागवत आदि लोकशैलियों की गहरी छाप पड़ी। वे संगीत-प्रेमी और सुमधुर कंठ के स्वामी थे, जिसका यह अपने काव्य पाठों में पूरा लाभ उठाते थे। सी. नारायन रेड्डी के काव्य के रूमानी दौर की सर्वाधिक प्रतिनिधि काव्य रचना २६ वर्ष की आयु में रचित “कपूर वसंतरायलु” (१९५६) है। इसने उन्हें उग्रणी कवियों में प्रतिष्ठित कर दिया।
समाज में बेहद कठिन स्थितियों के बीच चिथड़े-चिथड़े होते मनुष्य की दुर्दशा कवि को यातना देती है। वह ऐसे लोगों से दो-चार होते हैं, जिसके हाथों में सत्ता है चाहे वह धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक राजनीतिक, ये लोग उत्तरदायित्व की किसी विवेकशील भावना या मानवीय सरोकार के बिना सत्ता का उपभोग करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here