भारतीय शास्त्रीय संगीत के सीकर घराने के वरिष्ठ सारंगी वादक स्व. सुल्तान ख़ान। उन्हें देश में सारंगी को पुनर्जीवित करने का श्रेय दिया जाता है। सारंगी के उस्ताद और हृदय को छूने वाले ‘पिया बसंती रे’ तथा ‘अलबेला सजन आयो रे’ सरीखे गीतों को अपनी आवाज़ देने वाले उस्ताद सुल्तान ख़ान को हिन्दी संगीत जगत में विशेष सम्माननीय दर्जा प्राप्त है।
उस्ताद सुल्तान ख़ान भारत में फ़्यूजन संगीत समूह तबला बीट साईंस के सदस्य रहे थे। तबला बीट साईंस में उनके अलावा भारत के जानेमाने तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन और बिल लास्वेल भी सदस्य रहे। इसके साथ ही पंडित रविशंकर और मशहूर बैंड ‘द बीटल्स’ के साथ भी उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगीत कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
विश्व प्रसिद्ध पॉप क्वीन मैडोना के एल्बम के लिए भी सुल्तान ख़ान ने सारंगी बजाई। मशहूर फ़िल्म निर्माता और ऑस्कर विजेता रिचर्ड एटनबरो की फ़िल्म ‘गाँधी’ में भी सुल्तान ख़ान की सारंगी सुनाई दी थी। गायिका चित्रा के ‘पिया बसंती’ एल्बम में उनकी सारंगी धुनों ने उन्हें युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाया। ‘पिया बसंती’ एल्बम को एमटीवी का ‘इंटरनेशनल वीवर्स च्वाइस अवार्ड’ भी मिला था।
उस्ताद सुल्तान ख़ान ‘पद्मभूषण’ के साथ ही दो बार ‘संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार’ और महाराष्ट्र के ‘स्वर्ण पदक पुरस्कार’ से भी नवाजे गए थे। वर्ष 1998 में उन्हें ‘अमेरिकन एकेडेमी ऑफ आर्टिस्ट अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया था।
सीकर घराने के सारंगी वादक और शास्त्रीय गायक सुल्तान ख़ान
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