गुजराती भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार स्व. राजेन्द्र केशवलाल शाह। गेयता उनके काव्य शिल्प का प्रमुख गुण है और प्रेम, प्रकृति, ईश्वर, आधुनिक सभ्यता, राजनीति और ग्राम जीवन तक की सारी चिन्ताएं समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की गवाही देते हैं। राजेन्द्र शाह की कविताएं समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को उजागर करती हैं। वे सौंदर्य के अन्वेषी और उसके गायक रहे हैं। उनकी कविता में गेयता का गुण प्रमुख रूप से उभरकर आता है। उनकी कविताओं का उत्कर्ष- प्रेम, प्रकृति, ईश्वर, मृत्यु, आधुनिक सभ्यता, मिथों, राजनीति और ग्राम जीवन के सहज सौंदर्य-चित्रण में देखा जा सकता है। भावावेगों की तीव्रता और रूप व अभिव्यक्ति के अभिनव प्रयोग उनको एक महत्वपूर्ण कवि के रूप में स्थापित करते हैं।
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