– अंकिता गोयल / कविता /
तुमने तो अपने मन की बात कविता से कह डाली,
उस भाई का क्या जिसने उसे पढ़ते पढ़ते आँख चुपके से पोंछ डाली।
याद तो वो भी तुम्हें बहुत करते हैं,
मगर कहने से हिचकते हैं।
पूछो उनसे कि आती है तुम्हें बहन की याद, तो मुँह फेर लेते हैं,
और फिर कुछ देर बाद फिर तुम्हें फ़ोन मिला लेते हैं।
ननद-भाभी का रिश्ता तो अभी मुझे बाकी है समझना,
बस कोई गलती हो जाए तो छोटी बहन समझ माफ मुझे करना।