दूरदर्शन के ‘हमलोग’, ‘बुनियाद’, ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’ जैसे धारावाहिकोंके लेखक मनोहर श्याम जोशी

हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध गद्यकार, उपन्यासकार, व्यंग्यकार स्व. मनोहर श्याम जोशी। दूरदर्शन के प्रसिद्ध और लोकप्रिय धारावाहिकों- ‘ बुनियाद’ ‘नेताजी कहिन’, ‘मुंगेरी लाल के हसीं सपने’, ‘हम लोग’ आदि के कारण वे भारत के घर-घर में प्रसिद्ध हो गए थे। वे रंग-कर्म के भी अच्छे जानकार थे। उन्होंने धारावाहिक और फिल्म लेखन से संबंधित ‘ पटकथा-लेखन’ नामक पुस्तक की रचना की है। दिनमान’ और ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’ के संपादक भी रहे।

भाषा के जितने विविध अंदाज और मिज़ाज मनोहर श्याम जोशी में हैं, उतने किसी और हिंदी कथाकार में नहीं। कभी शरारती, कभी उन्मुक्त। कभी रसीली तो कभी व्यंग्यात्मक। कभी रोजमर्रे की बोलचाल वाली तो कभी संस्कृत की तत्सम पदावली वाली। उनकी भाषा में अवधी का स्वाद भी है। कुमाउंनी का मजा और परिनिष्ठित खड़ी बोली का अंदाज भी। साथ ही बंबइया (मुंबइया नहीं) की भंगिमा भी। वे कुमाऊँ के थे, इसलिए कुमाउंनी पर अधिकार तो स्वाभाविक था और ‘कसप’ में उसका प्रचुर इस्तेमाल हुआ है। लेकिन ‘नेताजी कहिन’ की भाषा अवधी है। ‘कुरु कुरु स्वाहा’ में बंबइया हिंदी है। ‘हमजाद’ में तो पूरी तरह उर्दू के लेखक-मुहावरेदारी है। सिर्फ उसकी लिपि देवनागरी है। उनकी एक कहानी ‘प्रभु तुम कैसे किस्सागो’ में तो कन्नड़ के कई सारे शब्द हैं। वैसे इस कहानी पर भी वेश्याओं के जीवन पर उनके शोध का प्रभाव है। हालांकि ये कहानी हिंदी कहानी-साहित्य और विश्व कथा साहित्य- अलबेयर कामू, हेनरी मिलर, ओ’हेनरी आदि के लेखन को कई प्रसंगों से समेटती है।

Advertisement

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here